महिला सुरक्षा- स्टाकिंग सिर्फ एक मुद्दा या उससे अधिक? भाग-1.

Teacher

Pooja Kumari

Coordinator cum Researcher

भाग-1.

आज के समय में जहाँ महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर अपनी हिस्सेदारी निभा रही है और लगातार सफलता के नए आयाम बना रही है |आज पंचायत से लेकर संसद और सुरक्षा संस्थाओं में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ता दिख रहा है वहीं साथ में उनके साथ घर से बाहर होने वाली घटनाये भी बढती जा रही है, उन्ही में से एक है महिलाओं कि स्टाकिंग| किसी भी महिला की स्टाकिंग करना महज़ एक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक गंभीर समस्या है जो दुनिया की हर महिला को झेलनी पड़ती है। स्टाकिंग के साथ गंदे या भद्दे शब्द बोलना,जबरदस्ती बातचीत करने,उनको छूने या उनके मार्ग को रोकने की कोशिश की जाती है।

स्टाकिंग की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए, न ही इसे छोटी समस्या में देखा जाना चाहिए | क्यूंकि यहीं छोटी-छोटी बातें अनदेखा करने से बाद में बड़ी समस्याएं बन जाती हैं | स्टाकिंग लगभग वैसा ही होता है, कुछ बड़ी घटनाये इसी तरह की छोटी घटनाओं को नज़रन्दाज करने का परिणाम थी जिनमें बलात्कार, हत्या,चेहरें पर तेजाब फेंकने या चाकू से हमला करने जैसी घटनाएँ भी शामिल है | साल के शुरुआत में ही ऐसी कई घटनाएं देखी गई हैं जहां महिलाओं को उनके स्टॉकर द्वारा मार दिया गया है। हालिया घटना तमिलनाडु के इरणकुलम का है जहां 26 वर्षीय स्टाकर काफी वक्त कक्षा 12 वी की एक छात्रा को परेशान करता था, जिससे वो मानसिक रूप से भी परेशान रहती थी और इसी वजह से उसके पिता रोजाना उसे स्कूल छोड़ने जय करते थे | बीते 7 जनवरी से गायब थी जिसकी शिकायत पुलिस दी गई और बाद में बच्ची एक सुनसान जंगल में मृत पाई गई | सोर्स: https://www.thequint.com/news/india/stalker-murders-17-year-old-girl-dumps-body-in-
a-tn-tea-estate

केरल में तिरुवनंतपुरम जिले के काराकोनम में इसी तरह एक 19 वर्षीय लड़की की हत्या उसका लगातार पीछा करने वाले व्यक्ति ने उसी के घर में आकार कर दी जब वह घर में अकेली थी| https://www.hindustantimes.com/india-news/stalker-kills-19-yr-old-woman-later-slits-his-own-throat-in-kerala/story-P1CSifZoLkNreQv2SO5qTP.html
केरल में में ही 6 जनवरी से लेकर 8 जनवरी 2020, 48 घंटे के बीच 3 अलग- अलग जगहों पर अन्य ऐसी घटनाए हुई, जिनमें आरोपीयो द्वारा महिलाओं को मारने तक की कोशिश की गई| https://www.thenewsminute.com/article/kerala-s-stalking-horror-three-teen-girls-attacked-48-
hours-two-dead-115842

स्टाकिंग के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है जो एक चिंता का विषय है । स्टाकिंग के बाद होने वाली हिंसक घटनाओं को देखने के बाद ये जरूरी हो जाता है की इन विषयों पर खुल कर बात की जाए, क्यूंकी इनमें लगातार वृद्धि देखि जा रही है | हालिया एनसीआरबी रिपोर्ट (2019) के अनुसार पीछा करने के मामलों में दिल्ली सबसे ऊपर थी 472, मुंबई दूसरे स्थान पर 383 और पुणे तीसरे स्थान पर 127 केसों के साथ| एनसीआरबी आकड़ें के अनुसार 2018 में पूरे भारत में इस तरह के 7,190 मामले दर्ज किए गये हैं। जिसमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,587 मामले दर्ज किए गए, तेलंगाना में 1,096, जबकि राष्ट्रीय राजधानी इस क्रम में 835 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रही । 8 अगस्त, 2017 को तत्कालीन गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर द्वारा लोकसभा को सूचित किया गया था कि देश में पिछले तीन वर्षों (2015-17) में 18,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।

इसी तादाद में या सम्भवतः इससे अधिक घटनाएँ हुई जो महिलाओं में डर या परिवार के कारण पुलिस में दर्ज नहीं किए जाते हैं । जब किसी लड़की का इस तरह से पीछा किया जाता है तो उसका डर एक सीमा से कई गुणा बढ़ जाता है जब यह एक स्कूल जाने वाली किसी बच्ची के साथ होता है तो उसे कुछ समय या हमेशा के लिए के लिए स्कूल छोड़ना पड़ जाता है और साथ ही उनके अंदर हर पुरुष के लिए डर या नकारात्मकता ​​आ जाती है| 

 

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